महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर यूपी CM का बड़ा बयान

मुसलमानों के प्रवेश पर बयान

Mahakumbh 2025: योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान और विवादों का सच

प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हो रहा है, जिसमें पहला शाही स्नान 14 जनवरी को होगा। महाकुंभ हमेशा से ही भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक रहा है। हालांकि, इस बार महाकुंभ को लेकर एक नया विवाद उभर रहा है। यह विवाद मुसलमानों के महाकुंभ में प्रवेश को लेकर है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विषय पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने श्रद्धा, भारतीयता और सनातन परंपरा का महत्व स्पष्ट किया। उनके बयान के अनुसार, महाकुंभ का आयोजन “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना के साथ होता है, जो सभी के लिए खुला है।

सीएम योगी का मुसलमानों के प्रवेश पर बयान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ में किसी भी श्रद्धालु का स्वागत है, बशर्ते वह भारतीयता और सनातन परंपरा का सम्मान करता हो। उन्होंने स्पष्ट किया, “जो व्यक्ति श्रद्धा और सम्मान के साथ प्रयागराज आता है, उसका स्वागत है। लेकिन, जो व्यक्ति बुरी मानसिकता के साथ आएगा, उसे समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कई ऐसे लोग हैं, जो भारतीय परंपरा का सम्मान करते हैं और अपने गोत्र को ऋषि परंपरा से जोड़ते हैं। अगर वे लोग परंपरागत रूप से संगम में स्नान करने आते हैं, तो इसमें कोई समस्या नहीं है। उनका महाकुंभ में स्वागत किया जाएगा।

विवाद का सच और सीएम योगी का संदेश

योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को वसुधैव कुटुंबकम का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “महाकुंभ में दुनिया भर से करोड़ों लोग आते हैं, और यहां किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाता। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की विशालता को दर्शाता है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महाकुंभ का उद्देश्य सबको जोड़ना है।

उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि कोई बुरी मानसिकता या विवादित दावे के साथ आता है, तो उसे कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। योगी ने कहा, “अगर कोई यह कहे कि यह जमीन उसकी है और उस पर कब्जा करेगा, तो उसे निश्चित रूप से विरोध का सामना करना पड़ेगा।

महाकुंभ 2025: आयोजन की विशेषताएं

महाकुंभ 2025 में 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचेंगे। खास स्नान तिथियां जैसे मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम पर स्नान करेंगे। आयोजन में करोड़ों लोगों के शामिल होने की संभावना है, जो भारतीय संस्कृति की भव्यता को उजागर करेगा।

संदेश:
महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का महोत्सव है। यह आयोजन सबको एकजुट करता है और भारतीयता की भावना को संजीवित करता है।

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