– राधा जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को हुआ था। – इस दिन राधा रानी की पूजा पूरे भक्ति भाव से की जाती है। – इसे राधा जयंती भी कहा जाता है।
तिथि: 31 अगस्त
– राधा जी को भक्ति की देवी माना जाता है। – राधा-कृष्ण का नाम साथ-साथ लिया जाता है। – इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से प्रेम, सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक शांति मिलती है।
– सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें। – राधा-कृष्ण की मूर्ति या चित्र को गंगा जल से स्नान कराएं। – पुष्प, तुलसी दल, माखन-मिश्री का भोग लगाएं। – राधा जी की आरती और कथा का पाठ करें।
– भक्त को अपार भक्ति और आशीर्वाद प्राप्त होता है। – परिवार में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है। – जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
राधा अष्टमी केवल एक त्योहार नहीं बल्कि भक्ति और प्रेम का उत्सव है। इस पावन दिन पर राधारानी और श्रीकृष्ण की आराधना से जीवन आनंदमय हो जाता है।