प्रदोष व्रत 2025:  व्रत की तारीख, पूजा विधि और महत्व

गुरु प्रदोष व्रत 2025 क्या है?

प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को आता है और जब यह दिन गुरुवार को पड़ता है, तब इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है।

गुरु प्रदोष व्रत 2025 की तारीख

तारीख:  10 अप्रैल प्रदोष काल: शाम 6:35 बजे से 8:55 बजे तक (स्थानानुसार अंतर हो सकता है)

गुरु प्रदोष व्रत की पूजा विधि

🔹 प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें 🔹 भगवान शिव का अभिषेक करें – जल, दूध, शहद से 🔹 बेलपत्र, धतूरा, भस्म आदि अर्पित करें

गुरु प्रदोष व्रत की पूजा विधि

🔹 "ॐ नमः शिवाय" का जप करें 🔹 शाम के समय प्रदोष काल में दीप जलाएं और व्रत कथा सुनें

गुरु प्रदोष व्रत का महत्व

मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से 🔸 पापों का नाश होता है 🔸 गुरु दोष दूर होते हैं 🔸 विवाह, करियर और संतान संबंधी बाधाएं दूर होती हैं

गुरु प्रदोष व्रत 2025 में शिव उपासना का विशेष फल मिलता है। श्रद्धा और नियम से किया गया व्रत जीवन को सकारात्मक ऊर्जा और शांति से भर देता है।

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