मोहीनी एकादशी व्रत कथाजानिए व्रत का महत्व और पूजन विधि
मोहीनी एकादशी क्या है?
मोहीनी एकादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है।यह व्रत भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की स्मृति में रखा जाता है।
व्रत का महत्व
इस दिन व्रत रखने से समस्त पापों का नाश होता है।मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है और व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति आती है।
मोहीनी एकादशी व्रत कथा
प्राचीन काल में एक राजा धृतिमान था।उन्होंने इस व्रत को किया और पूर्व जन्म के पापों से मुक्त हो गए।भगवान विष्णु स्वयं मोहिनी रूप में प्रकट हुए और राजा को आशीर्वाद दिया।
पूजन विधि
– प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।– भगवान विष्णु की पूजा तुलसी, पीले फूल और धूप-दीप से करें।– व्रत कथा पढ़ें और विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें।– रात्रि में जागरण और भजन करें।
व्रत के नियम
– व्रत के दिन अन्न का त्याग करें।– केवल फलाहार या जल पर व्रत रखें।– द्वादशी को पारण करें।
मोहीनी रूप का रहस्य
देव-दानव संग्राम में अमृत बांटने के समयभगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया।दानवों को अमृत से वंचित कर देवताओं को विजयी बनाया।
मोहीनी एकादशी केवल व्रत ही नहीं,बल्कि आत्मशुद्धि और भक्ति का पर्व है।इस दिन व्रत रखकर जीवन को पवित्र और दिव्यता से भरें।
आपको मोहीनी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं।भगवान विष्णु की कृपा आप पर सदैव बनी रहे।