Aja Ekadashi ka Mahatva aur Katha

अजा एकादशी का महत्व

– भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी कहते हैं। – इस दिन व्रत करने से समस्त पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

व्रत की कथा (शुरुआत)

– प्राचीन समय में हरिश्चंद्र नामक एक सत्यवादी राजा थे। – वे अपने वचनों के पालन के लिए कठोर कठिनाइयों से गुज़रे।

व्रत की कथा (मुख्य भाग)

– एक महात्मा ने राजा को अजा एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। – व्रत के प्रभाव से उनके सभी पाप नष्ट हो गए और उन्हें पुनः राजपद प्राप्त हुआ।

व्रत विधि

– प्रातः स्नान कर संकल्प लें। – भगवान विष्णु की पूजा करें। – दिनभर निराहार या फलाहार रहें। – रात्रि में जागरण और भजन करें।

अजा एकादशी के लाभ

– पापों का नाश – दुखों से मुक्ति – मोक्ष की प्राप्ति – जीवन में शांति और समृद्धि

धार्मिक मान्यता

– अजा एकादशी का व्रत करने से सात जन्मों के पाप मिट जाते हैं। – यह व्रत हरिश्चंद्र जैसे सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

अजा एकादशी का व्रत करें और जीवन में धर्म, सत्य व शांति का मार्ग अपनाएँ।