पितृ पक्ष श्राद्ध 2025 की शुरुआत 7 सितंबर 2025, रविवार से होगी और इसका समापन 21 सितंबर 2025, रविवार को होगा।
श्राद्ध कर्म से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। यह व्रत और कर्मकांड परिवार में सुख-समृद्धि तथा संतति कल्याण के लिए किया जाता है।
मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा पृथ्वी पर अपने वंशजों से तर्पण और श्राद्ध की अपेक्षा से आती है। उचित विधि से श्राद्ध करने पर पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।
– प्रातः स्नान करें। – पितरों का स्मरण कर तर्पण करें। – ब्राह्मण भोज और दान करें। – पितरों के नाम का संकल्प लेकर श्राद्ध सम्पन्न करें।
श्राद्ध करने से न केवल पितृ तृप्त होते हैं बल्कि परिवार में शांति और समृद्धि का वास होता है। इसे पितृ ऋण चुकाने का एक पवित्र अवसर माना जाता है।
यह पर्व हमें यह स्मरण कराता है कि पूर्वजों का सम्मान और आशीर्वाद ही जीवन की सच्ची समृद्धि है।