तिथि: 28 अगस्त 2025, गुरुवार पंचमी तिथि प्रारंभ – 27 अगस्त, दोपहर 3:44 बजे पंचमी तिथि समाप्त – 28 अगस्त, शाम 5:56 बजे
– इस दिन सप्तऋषियों की पूजा से पापों का नाश होता है। – विशेषकर स्त्रियां मासिक धर्म के दोष निवारण हेतु यह व्रत करती हैं। – जीवन में सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।
– प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें। – सप्तऋषियों की प्रतिमा या चित्र की पूजा करें। – पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य और पंचामृत अर्पित करें। – व्रत कथा का पाठ करें और दिनभर उपवास रखें।
– कथा के अनुसार एक ब्राह्मण कन्या ने ऋषि पंचमी व्रत कर अपने पापों का नाश किया। – यह व्रत स्त्रियों को शुद्धि और पुण्य प्रदान करता है। – इसे करने से सप्तऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
– स्त्रियों को विशेष लाभ मिलता है। – दोषों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है। – परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
ऋषि पंचमी केवल व्रत नहीं बल्कि पवित्रता और भक्ति का प्रतीक है। इस दिन सप्तऋषियों की पूजा से जीवन मंगलमय हो जाता है।