– सूर्योदय से पहले ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करें और पूजा करें। – भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें। – दिनभर जल का सेवन न करें, केवल फलाहार या दूध पीने की भी अनुमति नहीं होती। – पूरे दिन निर्जला व्रत का पालन करें और शाम को ही इस व्रत का पारण करें। – इस दिन शुद्ध आहार लें और ध्यान, प्रार्थना में मन लगाएं।