Bhagavad Gita Quotes in hindi
कर्म करो, फल की चिंता मत करो, क्योंकि सच्चा सुख कर्तव्य पालन में है, न कि परिणाम में
जो हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा है अच्छा हो रहा है, और जो होगा वह भी अच्छा ही होगा – इसलिए चिंता छोड़ो और जीवन में आगे बढ़ो।
मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है, जैसा वह विश्वास करता है, वैसा ही वह बन जाता है।
क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि का नाश होता है, और जब बुद्धि नष्ट हो जाती है, तो व्यक्ति का पतन निश्चित है।
सुख-दुःख, लाभ-हानि, जीत-हार को समान समझकर अपना कर्तव्य करते रहो, यही सच्चा योग है।
जो व्यक्ति आत्मसंयम से युक्त है, वही सच्चा विजेता है, क्योंकि अपने मन को जीतने वाला ही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
परिवर्तन ही संसार का नियम है, इसलिए जो स्थायी है, वह केवल आत्मा और ईश्वर का प्रेम है।
जिसका मन शांत है, जो न अतीत का शोक करता है और न भविष्य की चिंता, वही सच्ची शांति प्राप्त करता है।
जो ज्ञान को अपनाता है, वही अज्ञान के अंधकार को मिटा सकता है और आत्मा की सच्ची पहचान कर सकता है।
हे अर्जुन! जो अपने कर्तव्यों को पूरे समर्पण और निष्ठा से निभाता है, वही जीवन के असली अर्थ को समझता है।
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