Bhagavad Gita Quotes on Karma
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन
तुम्हें केवल कर्म करने का अधिकार है, लेकिन फल की चिंता मत करो।
योगः कर्मसु कौशलम्।
कर्म में कुशलता ही योग है।
न हि कश्चित् क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्।
कोई भी व्यक्ति एक क्षण के लिए भी कर्म किए बिना नहीं रह सकता।
श्रद्धावान् लभते ज्ञानम्।
श्रद्धा रखने वाला ही सच्चे ज्ञान को प्राप्त करता है।
संगं त्यक्त्वा धनंजय।
हे अर्जुन! आसक्ति को त्यागकर कर्म करो।
कर्तुमकर्तुमन्यथा कर्तुम् शक्तः।
तुम्हारे पास कर्म करने, न करने या अलग तरीके से करने की शक्ति है।
कर्मणैव हि संसिद्धिम्।
सफलता का आधार केवल कर्म है।
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