भगवद गीता के अमर उपदेश जो बदल सकते हैं आपका जीवन

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन

👉 अर्थ: केवल कर्म करने का अधिकार है, फल की चिंता मत करो।

🔖 सीख: फोकस सिर्फ कर्म पर रखो, सफलता अपने आप मिलेगी।

योगः कर्मसु कौशलम्

👉 अर्थ: योग का अर्थ है—कर्म में कुशलता।

🔖 सीख: हर कार्य को सम्पूर्णता से करना ही सच्चा योग है।

न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्

👉 अर्थ: कोई भी क्षण भर भी बिना कर्म किए नहीं रह सकता।

🔖 सीख: हर पल कुछ न कुछ कर्म हो ही रहा है, इसलिए अच्छे कर्म चुनें।

संगं त्यक्त्वा फलं चैव नित्यतृप्तो निराश्रयः

👉 अर्थ: जो फल की आशा छोड़े, वही सच्चा शांत रहता है।

🔖 सीख: आशा कम करोगे, शांति ज़्यादा मिलेगी।

अहंकारं बलं दर्पं कामं क्रोधं परिग्रहम्।

👉 अर्थ: अहंकार, क्रोध, कामना—ये विनाश के कारण हैं।

🔖 सीख: इनसे मुक्त होना ही आत्मविकास का मार्ग है।

विद्याविनयसम्पन्ने ब्राह्मणे गवि हस्तिनि...

👉 अर्थ: ज्ञानी व्यक्ति सबको एक समान देखता है।

🔖 सीख: सच्ची शिक्षा वही है जो सबमें ईश्वर देखे।

श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्

👉 अर्थ: अपना धर्म भले अधूरा हो, पराया धर्म उत्तम हो फिर भी अनुचित है।

🔖 सीख: अपने रास्ते पर रहना ही श्रेष्ठ है।

भगवद गीता केवल ग्रंथ नहीं, जीवन का मार्गदर्शक है। हर श्लोक में छिपा है मोक्ष का रहस्य।