भगवद गीता के अनमोल विचार

कर्म करते रहो, फल की चिंता मत करो।

जब तुम निष्काम कर्म करते हो, तो सफलता और शांति दोनों तुम्हारे साथ होती हैं। 

जो आत्मा को जान लेता है, वह मृत्यु से नहीं डरता।

आत्मा अजर-अमर है, इसलिए जीवन में भय का कोई स्थान नहीं। 

क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि नष्ट होती है, और बुद्धि के नष्ट होने से व्यक्ति का पतन हो जाता है।

धैर्य और संयम ही सच्ची शक्ति है। 

मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है, जैसा वह विश्वास करता है, वैसा ही बन जाता है।

सकारात्मक सोच ही जीवन को महान बनाती है। 

जो हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा है अच्छा हो रहा है, और जो होगा वह भी अच्छा ही होगा।

जीवन में हर स्थिति में धैर्य और विश्वास बनाए रखें। 

इच्छाओं का त्याग ही सच्ची शांति की ओर ले जाता है।

जब इच्छाओं का अंत होता है, तब आनंद और शांति का आरंभ होता है 

सदैव अपने कर्तव्य का पालन करो, क्योंकि बिना कर्म के जीवन व्यर्थ है।

कर्तव्यपरायणता ही सच्चा धर्म है। 

जिसे संसार का मोह नहीं, वही सच्चा ज्ञानी है।

मोह-माया से मुक्त होकर ही आत्मज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। 

मन को नियंत्रण में रखना ही सबसे बड़ी विजय है।

मन पर नियंत्रण ही असली शक्ति और सफलता की कुंजी है। 

हर व्यक्ति अपने भाग्य का स्वयं निर्माता होता है।

अच्छे कर्म करो, क्योंकि वही तुम्हारा भविष्य तय करेंगे। 

भगवद गीता को पढ़ने और वीडियो के माध्यम से समझना चाहते हो तो हमारी साइट विजिट करे 👇