तारीख: 27 अगस्त 2025 शुभ मुहूर्त: मध्यान काल पूजा समय – दोपहर 11:05 से 13:32 तक अवधि: 2 घंटे 27 मिनट
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है। इस दिन उनका जन्म हुआ था। यह पर्व नई शुरुआत, सफलता और समृद्धि का प्रतीक है।
– गणेश प्रतिमा को स्थापित करें। – शुद्ध जल से स्नान कराएं। – दूर्वा, लाल फूल, मोदक, और पंचामृत अर्पित करें। – 21 दूर्वा और 21 मोदक का विशेष महत्व। – गणपति अथर्वशीर्ष और मंत्रों का जाप करें।
– प्रतिमा मिट्टी की होनी चाहिए। – स्थापना उत्तर-पूर्व दिशा में करें। – 1.5, 3, 5, या 10 दिन तक पूजा करें। – विसर्जन के दिन शांति और श्रद्धा रखें।
– शुभ बुधवार को पड़ने से यह पर्व और भी पावन माना जा रहा है। – घर-घर गणपति बप्पा की आराधना का उत्साह। – पर्यावरण-संरक्षण के लिए इको-फ्रेंडली मूर्तियों का चलन।
– लालबागचा राजा, मुंबई – सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई – ढोल-नगाड़ों और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ भव्य दर्शन
पूजा के अंतिम दिन, गणपति बप्पा को भावपूर्ण विदाई दी जाती है। यह प्रतीक है—“जो आया है, वह जाएगा” लेकिन “अगले वर्ष फिर आने” की आशा भी जगाता है।
– तुलसी पत्र न चढ़ाएं – पूजा में बिना स्नान किए शामिल न हों – चंद्र दर्शन से बचें (विवाद का कारण बनता है) – अपवित्र हाथों से प्रसाद न छुएं
🔸 "ॐ गं गणपतये नमः" 🔸 "वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः" 🔸 108 बार जाप करने से विशेष फल मिलता ह।
🙏 गणपति बप्पा मोरया 🙏 आपके जीवन में सुख, समृद्धि और बुद्धि का वास हो।