श्रावण मास की अमावस्या को मनाई जाती है। यह दिन प्रकृति, हरियाली, और धार्मिक पूजन का प्रतीक है।

हरियाली अमावस्या

हरियाली अमावस्या 2025 की तारीख और दिन

तारीख:   24 जुलाई अमावस्या तिथि प्रारंभ:  24 जुलाई 2025 को रात 2 बजकर 28 मिनट  तिथि समाप्त:  25 जुलाई 2025 को दोपहर 12 बजकर 40 मिनट

इस दिन का धार्मिक महत्व

हरियाली अमावस्या भगवान शिव और प्रकृति को समर्पित है। इस दिन व्रत, जल अर्पण, वृक्षारोपण और शिव पूजन का विशेष महत्व है।

क्यों कहते हैं इसे "हरियाली" अमावस्या?

श्रावण मास में बारिश के कारण धरती पर हरियाली फैल जाती है। यह अमावस्या पर्यावरण प्रेम और हरियाली के प्रति श्रद्धा का प्रतीक बन जाती है।

हरियाली अमावस्या पर वृक्षारोपण का महत्व

इस दिन पीपल, नीम, तुलसी जैसे पौधे लगाना पुण्यदायी माना जाता है। यह पर्यावरण संरक्षण का सशक्त संदेश देता है।

पूजा विधि एवं व्रत नियम

🔸 सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें 🔸 शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा अर्पित करें 🔸 व्रत रखकर शिव चालीसा और महामृत्युंजय जाप करें 🔸 शाम को दीपदान और पेड़ों की परिक्रमा करें

महिलाएं और हरियाली अमावस्या

उत्तर भारत में महिलाएं इस दिन झूला झूलती हैं, मेंहदी लगाती हैं और लोक गीतों के साथ उत्सव मनाती हैं।

पितृ तर्पण का महत्व

इस दिन पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध और जल दान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।

हरियाली अमावस्या का सामाजिक संदेश

🔹 पर्यावरण संरक्षण 🔹 प्राकृतिक संसाधनों के प्रति कृतज्ञता 🔹 सामाजिक एकता और उत्सव

हरियाली अमावस्या 2025 – संकल्प लें प्रकृति के साथ चलने का!

इस हरियाली अमावस्या पर लें संकल्प – 🌳 एक पौधा लगाएं, जीवन महकाएं! 🙏 प्रकृति की पूजा करें, जीवन में समृद्धि भरें!