तिथि: 21 जुलाई यह एकादशी श्रावण कृष्ण पक्ष में आती है और भगवान विष्णु को समर्पित होती है।
इस एकादशी व्रत से पापों का नाश होता है। यह व्रत नारायण भक्ति को जाग्रत करता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।
प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु की प्रतिमा को पीले पुष्पों, तुलसी दल और पंचामृत से पूजें। विष्णु सहस्रनाम या गीता का पाठ करें।
अन्न, तामसिक भोजन, लहसुन-प्याज से परहेज करें। फलाहार करें और निरंतर भक्ति में लगे रहें।
एक बार ब्रह्माजी ने युधिष्ठिर को बताया कि कामिका एकादशी व्रत करने से समस्त दोष मिटते हैं। यह व्रत हजारों अश्वमेध यज्ञों के फल के बराबर पुण्य देता है।
भगवान विष्णु की आराधना करें सात्विक भोजन करें झूठ, क्रोध और आलस्य से बचें
यह दिन आत्म-साक्षात्कार और प्रभु भक्ति के लिए श्रेष्ठ है।