तारीख: 22 सितंबर समापन: 1 अक्टूबर
नवरात्रि मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पर्व है। यह शक्ति, भक्ति और साधना का समय होता है। हर दिन एक देवी को समर्पित है।
– कलश स्थापना (घट स्थापना) करें – अखंड ज्योत जलाएं – दुर्गा सप्तशती या देवी कवच का पाठ करें – नौ दिनों तक व्रत रखें – कन्या पूजन व हवन नवमी को करें
1. शैलपुत्री 2. ब्रह्मचारिणी 3. चंद्रघंटा 4. कूष्मांडा 5. स्कंदमाता 6. कात्यायनी 7. कालरात्रि 8. महागौरी 9. सिद्धिदात्री
– एक समय सात्विक भोजन करें – लहसुन-प्याज, मांस, शराब से परहेज – ब्रह्मचर्य का पालन करें – साफ-सफाई और संयम बनाए रखें
रात में मंदिरों और पंडालों में गरबा-डांडिया का आयोजन होता है। यह सांस्कृतिक उल्लास और भक्ति का संगम है।
अष्टमी और नवमी के दिन कन्याओं को भोजन कराकर पूजन किया जाता है। कन्याएं मां दुर्गा का रूप मानी जाती हैं
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। यह शक्ति की विजय का पर्व है।