1️⃣ स्नान और संकल्प – प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। 2️⃣ भगवान विष्णु की पूजा – विष्णु जी की मूर्ति या चित्र को पंचामृत से स्नान कराकर पीले फूल और वस्त्र अर्पित करें। 3️⃣ तुलसी और पंचामृत का महत्व – पूजा में तुलसी पत्र का विशेष महत्व होता है। भगवान विष्णु को तुलसी पत्र अर्पित करें।
4️⃣ व्रत कथा का पाठ – पापमोचनी एकादशी की कथा का श्रवण और पाठ करें। 5️⃣ रामनाम जप और भजन – दिनभर भगवान विष्णु के मंत्रों और भजनों का जाप करें। 6️⃣ दान और ब्राह्मण भोजन – व्रत का पारण द्वादशी तिथि को ब्राह्मणों को भोजन कराकर करें और दान दें।