Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 1 To 10 Meaning in hindi

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 1

सञ्जय उवाच | तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम् | विषीदन्तमिदं वाक्यमुवाच मधुसूदन:  || 1 ||

अर्थात संजय बोले – उस कायरता से घिरे हुए, पश्चाताप करने  वाले तथा आँसुओं से अन्धकारमय हो रहे नेत्रों वाले अर्जुन से भगवान  मधुसूदन ने ये वचन (आगे कहे जाने वाले) कहे।