दशहरा पर निबंध: Essay on Dussehra in Hindi [2025]

दशहरा पर निबंध

दशहरा भारत का प्रमुख त्यौहार है जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है। यह त्योहार अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है और हर साल बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

दशहरा पर निबंध (100 शब्दों में)

दशहरा भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है। यह त्योहार भगवान श्रीराम की रावण पर विजय की याद में मनाया जाता है। दशहरे के दिन रामलीला का आयोजन होता है, जिसमें रामायण की कथा का मंचन किया जाता है। शाम को रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं, जो बुराई और अहंकार के अंत का प्रतीक हैं। यह पर्व हमें सिखाता है कि सत्य और धर्म की हमेशा विजय होती है। 2025 में भी दशहरा समाज को एकजुट करने और अच्छाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

दशहरा पर निबंध (500 शब्दों में)

भारत एक विविधता से भरा हुआ देश है जहाँ कई त्यौहार मनाए जाते हैं। इनमें से दशहरा का विशेष महत्व है। यह त्योहार हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इसे विजयादशमी भी कहा जाता है।

दशहरा का महत्व

दशहरा भगवान श्रीराम की रावण पर विजय का दिन है। जब रावण ने माता सीता का हरण किया, तब भगवान राम ने हनुमान, लक्ष्मण और वानर सेना की सहायता से लंका पर चढ़ाई की और रावण का वध किया। यह घटना हमें यह संदेश देती है कि कितना भी शक्तिशाली बुराई करने वाला क्यों न हो, अंततः धर्म और सत्य की ही विजय होती है।

रामलीला और रावण दहन

दशहरे से पहले नौ दिनों तक देशभर में नवरात्रि मनाई जाती है। इन दिनों में रामलीला का आयोजन होता है, जिसमें भगवान राम की कथा का नाट्य रूपांतरण किया जाता है। दशहरे के दिन बड़े-बड़े मैदानों में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशाल पुतले बनाए जाते हैं जिन्हें शाम को जलाया जाता है। पुतलों के दहन के साथ लोग आतिशबाजी का आनंद लेते हैं।

दशहरे का सांस्कृतिक महत्व

दशहरा केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन समाज में एकता और सद्भाव का वातावरण बनता है। लोग परिवार और मित्रों के साथ मिलकर इस त्योहार का आनंद लेते हैं। 2025 में भी यह पर्व हमें प्रेरणा देता है कि हमें अपने जीवन से बुराइयों जैसे क्रोध, अहंकार और लोभ को समाप्त करना चाहिए और सद्गुणों को अपनाना चाहिए।

निष्कर्ष

दशहरा अच्छाई की जीत और बुराई के अंत का प्रतीक है। यह त्योहार हमें हर साल यह याद दिलाता है कि धर्म और सत्य का मार्ग कठिन जरूर होता है, लेकिन अंत में वही विजयी होता है।

दशहरा पर निबंध (600 शब्दों में)

भारत त्योहारों का देश है और यहाँ हर त्योहार का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। इन्हीं त्योहारों में दशहरा एक प्रमुख पर्व है, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार नवरात्रि के समापन के बाद दशमी तिथि को मनाया जाता है।

दशहरा का महत्व

दशहरा भगवान श्रीराम की रावण पर विजय का प्रतीक है। जब रावण ने माता सीता का हरण किया, तब भगवान राम ने वानर सेना और हनुमान जी के सहयोग से लंका पर विजय प्राप्त की। यह दिन यह संदेश देता है कि बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों न हो, उसका अंत निश्चित है और सत्य की हमेशा जीत होती है।

रामलीला का आयोजन

दशहरे से पहले नौ दिनों तक रामलीला का आयोजन होता है। इसमें भगवान राम के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का मंचन किया जाता है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएँ सभी बड़े उत्साह से इसमें शामिल होते हैं। रामलीला लोगों को धर्म, नैतिकता और आदर्श जीवन जीने की शिक्षा देती है।

रावण दहन और उत्सव

दशहरे के दिन शाम को रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं। इन पुतलों के दहन का अर्थ है बुराई का अंत और अच्छाई की विजय। लोग इस मौके पर परिवार और दोस्तों के साथ एकत्रित होते हैं और उत्सव का आनंद लेते हैं। 2025 में भी देशभर में हजारों स्थानों पर रावण दहन और मेले का आयोजन होगा।

दशहरे का सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश

दशहरा केवल धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह समाज को एकता, सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि हमें अपने अंदर की बुराइयों जैसे झूठ, घृणा, ईर्ष्या और अहंकार को जलाकर अच्छाई और सद्गुणों को अपनाना चाहिए। यह त्योहार भाईचारे और सद्भाव का संदेश भी देता है।

निष्कर्ष

दशहरा अच्छाई की बुराई पर विजय का पर्व है। यह त्योहार हर साल हमें यह सिखाता है कि चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, धर्म और सत्य की हमेशा जीत होती है। 2025 में दशहरे का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि आज के समय में यह हमें अपने जीवन में सकारात्मक सोच और सही मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है।

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