Navratri Day 3 – माता चंद्रघंटा व्रत कथा और महत्व Maa Chandraghanta Vrat Katha 2025

Navratri Day 3 – माता चंद्रघंटा व्रत कथा और महत्व Maa Chandraghanta Vrat Katha 2025 नवरात्रि का तीसरा दिन माँ […]

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Bhagavad Gita Chapter 5 Verse 5

सांख्य योग और कर्म योग में क्या है समानता?

Bhagavad Gita Chapter 5 Verse 5 यत्सांख्यैः प्राप्यते स्थानं तद्योगैरपि गम्यते । एकं सांख्यं च योगं च यः पश्यति स

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Dussehra 2025

Dussehra 2025 : तिथि रावण दहन शुभ मुहूर्त महत्व और उपाय

Dussehra 2025 : तिथि रावण दहन शुभ मुहूर्त महत्व और उपाय दशहरा 2025 कब है? विजयादशमी की तिथि, रावण दहन

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Bhagavad Gita Chapter 5 Verse 4

क्या सांख्य योग और कर्म योग के फल अलग-अलग हैं?

Bhagavad Gita Chapter 5 Verse 4 सांख्ययोगौ पृथग्बालाः प्रवदन्ति न पण्डिताः । एकमप्यास्थितः सम्यगुभयोर्विन्दते फलम् ॥४॥ अर्थात भगवान कहते हैं,

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Bhagavad Gita Chapter 5 Verse 3

कर्मयोगी और संन्यासी में क्या अंतर है? 

Bhagavad Gita Chapter 5 Verse 3 ज्ञेयः स नित्यसंन्यासी यो न द्वेष्टि न काङ्क्षति । निर्द्वन्द्वो हि महाबाहो सुखं बन्धात्प्रमुच्यते

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Bhagavad Gita Chapter 5 Verse 2

भगवान श्रीकृष्ण ने संन्यास से ऊपर कर्मयोग को क्यों बताया?

Bhagavad Gita Chapter 5 Verse 2 श्रीभगवानुवाच ।संन्यासः कर्मयोगश्च निःश्रेयसकरावुभौ ।तयोस्तु कर्मसंन्यासात्कर्मयोगो विशिष्यते ॥२॥ भगवान ने कहा – संन्यास (सांख्य

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Indira Ekadashi Vrat Katha

Indira Ekadashi Vrat Katha : इंदिरा एकादशी की संपूर्ण कथा और महत्व

Indira Ekadashi Vrat Katha : इंदिरा एकादशी की संपूर्ण कथा और महत्व हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को विशेष स्थान

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क्यों आज भी राम की रावण पर विजय हमारे जीवन में मायने रखती है

क्यों आज भी राम की रावण पर विजय हमारे जीवन में मायने रखती है

रामायण की कथा केवल एक धार्मिक ग्रंथ की कहानी नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू को छूती है।

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Bhagavad Gita Chapter 5 Verse 1

भगवद गीता में संन्यास और कर्मयोग में कौन है श्रेष्ठ?

Bhagavad Gita Chapter 5 Verse 1 अर्जुन उवाचसंन्यासं कर्मणां कृष्ण पुनर्योगं च शंससि । यच्छ्रेय एतयोरेकं तन्मे ब्रूहि सुनिश्चितम् ।।१।।

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