Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 19

क्या आत्मा सच में मरती है या मारती है? भगवद गीता श्लोक 2.19 का रहस्य

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 19 य एनं वेत्ति हन्तारं यश्चैनं मन्यते हतम् |उभौ तौ न विजानीतो नायं हन्ति न […]

क्या आत्मा सच में मरती है या मारती है? भगवद गीता श्लोक 2.19 का रहस्य Read Post »

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 18

क्या आत्मा वास्तव में अविनाशी और नित्य है? श्रीकृष्ण का अर्जुन को उपदेश

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 18 अन्तवन्त इमे देहा नित्यस्योक्ता: शरीरिण: |अनाशिनोऽप्रमेयस्य तस्माद्युध्यस्व भारत || 18 || अर्थात भगवान कहते

क्या आत्मा वास्तव में अविनाशी और नित्य है? श्रीकृष्ण का अर्जुन को उपदेश Read Post »

gita chapter

शरीर नश्वर है पर आत्मा क्यों नहीं? जानिए गीता का रहस्य

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 17 अविनाशि तु तद्विद्धि येन सर्वमिदं ततम् |विनाशमव्ययस्यास्य न कश्चित्कर्तुमर्हति || 17 || अर्थात भगवान

शरीर नश्वर है पर आत्मा क्यों नहीं? जानिए गीता का रहस्य Read Post »

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 16

क्या जो दिखता है वही सच है? गीता से जानिए असत्य और सत्य की पहचान

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 16 नासतो विद्यते भावो नाभावो विद्यते सत: |उभयोरपि दृष्टोऽन्तस्त्वनयोस्तत्त्वदर्शिभि: || 16 || अर्थात भगवान कहते

क्या जो दिखता है वही सच है? गीता से जानिए असत्य और सत्य की पहचान Read Post »

geeta for kids

बचपन में ही बच्चों में बोए गीता ज्ञान के बीज, जीवन भर मिलती रहेगी छांव

Gita Updesh: क्यों जरूरी है बच्चों को गीता ज्ञान देना? Srimad Bhagavad Gita केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि

बचपन में ही बच्चों में बोए गीता ज्ञान के बीज, जीवन भर मिलती रहेगी छांव Read Post »

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 15

क्या सुख-दुख में समान रहना ही अमरता का मार्ग है?

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 15 यं हि न व्यथयन्त्येते पुरुषं पुरुषर्षभ । समदुःखसुखं धीरं सोऽमृतत्वाय कल्पते || 15 ||

क्या सुख-दुख में समान रहना ही अमरता का मार्ग है? Read Post »

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 14.

क्या इन्द्रियाँ ही हमारे सुख-दुख की जड हैं? गीता का उत्तर जानिए

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 14 मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय शीतोष्णसुखदु:खदा: |आगमापायिनोऽनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भारत || 14 || अर्थात भगवान कहते हैं, हे कुंतीनंदन!

क्या इन्द्रियाँ ही हमारे सुख-दुख की जड हैं? गीता का उत्तर जानिए Read Post »

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 13

क्या मृत्यु के बाद जीवन सच में होता है?

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 13 देहिनोऽस्मिन्यथा देहे कौमारं यौवनं जरा |तथा देहान्तरप्राप्तिर्धीरस्तत्र न मुह्यति || 13 || अर्थात भगवान

क्या मृत्यु के बाद जीवन सच में होता है? Read Post »

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 11

क्या ममता और आसक्ति ही हमारे दुखों का मुख्य कारण हैं? गीता से जीवन का रहस्य

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 11 श्रीभगवानुवाच |अशोच्यानन्वशोचस्त्वं प्रज्ञावादांश्च भाषसे |गतासूनगतासूंश्च नानुशोचन्ति पण्डिता: || 11 || अर्थात प्रभु ने कहा,

क्या ममता और आसक्ति ही हमारे दुखों का मुख्य कारण हैं? गीता से जीवन का रहस्य Read Post »

भगवान कृष्ण अर्जुन की उदासी पर क्यों मुस्कुराए?

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 10 तमुवाच हृषीकेश: प्रहसन्निव भारत |सेनयोरुभयोर्मध्ये विषीदन्तमिदं वच: || 10 || अर्थात संजय कहते हैं,

भगवान कृष्ण अर्जुन की उदासी पर क्यों मुस्कुराए? Read Post »

अर्जुन का यह निर्णय क्यों ? – ‘मैं युद्ध नहीं करूँगा’

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 9 सञ्जय उवाच |एवमुक्त्वा हृषीकेशं गुडाकेश: परन्तप |न योत्स्य इति गोविन्दमुक्त्वा तूष्णीं बभूव ह ||

अर्जुन का यह निर्णय क्यों ? – ‘मैं युद्ध नहीं करूँगा’ Read Post »

Scroll to Top