जब भगवान के लिए कोई कर्तव्य नही तो वे कर्म क्यों करते हैं?
Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 22 न मे पार्थास्ति कर्तव्यं त्रिषु लोकेषु किंचन । नानवाप्तमवाप्तव्यं वर्त एव च कर्मणि ॥ […]
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