क्या मन से इन्द्रियों को वश में कर कर्म करना ही सच्चा योग है?
Bhagavad Gita Chapter 3 Shloka 7 यस्त्विन्द्रियाणि मनसा नियम्यारभतेऽर्जुन |कर्मेन्द्रियै: कर्मयोगमसक्त: स विशिष्यते || 7 || अर्थात भगवान कहते हैं, […]
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