भोजन रूपी क्रिया को यज्ञ कैसे बनाया जा सकता है?
Bhagavad Gita Chapter 4 Verse 24 ब्रह्मार्पणं ब्रह्म हविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् ।ब्रह्मव गन्तव्यं तेन ब्रह्मकर्मसमाधिना ॥२४॥ अर्थात भगवान कहते हैं, […]
भोजन रूपी क्रिया को यज्ञ कैसे बनाया जा सकता है? Read Post »