गीता में प्राणायाम रूपी यज्ञ क्या है और इससे पाप कैसे नष्ट होते हैं?
Bhagavad Gita Chapter 4 Verse 29 30 अपाने जुह्वति प्राणं प्राणेऽपानं तथापरे प्राणापानगती रुद्ध्वा प्राणायामपरायणाः ॥२९॥अपरे नियताहाराः प्राणान्प्राणेषु जुह्वति । […]
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