Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 48

कर्म करते हुए कैसे पाएं शांति और समता?

Bhagavad gita Chapter 2 Verse 48 योगस्थ: कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय |सिद्ध्यसिद्ध्यो: समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते || 48 […]

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