Bhagavad Gita teachings on peace

Bhagavad Gia Chapter 2 Verse 71

निर्मम निरहंकारी और नि:स्पृह व्यक्ति ही क्यों पाता है शांति?

Bhagavad gita Chapter 2 Verse 71 विहाय कामान्य: सर्वान्पुमांश्चरति नि:स्पृह: |निर्ममो निरहङ्कार: स शान्तिमधिगच्छति || 71 || अर्थात भगवान कहते […]

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Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 52

रिश्तों और चाहतों से मुक्त होकर क्या मिल सकती है सच्ची शांति?

Bhagavad gita Chapter 2 Verse 52 यदा ते मोहकलिलं बुद्धिर्व्यतितरिष्यति |तदा गन्तासि निर्वेदं श्रोतव्यस्य श्रुतस्य च || 52 || अर्थात

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