
कैंची धाम एक विश्व पहचान –
उत्तराखंड को देवो की भूमि देवभूमि कहा जाता है, जहां हर स्थान किसी न किसी आध्यात्मिक शक्ति से जुड़ा हुआ है। नैनीताल जिले में स्थित Kainchi Dham भी एक ऐसा ही पवित्र स्थान है, जो न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। यह धाम बाबा नीम करौली महाराज के कारण विश्व विख्यात हुआ,यह धाम विशेष रूप से हनुमान जी को समर्पित है जिसकी दिव्य कृपा से यह स्थान एक आध्यात्मिक केंद्र बन गया।
कैंची धाम का इतिहास-
मान्यता यह है की कैंची धाम की स्थापना 1961 में बाबा नीम करोली महाराज द्वारा की गई थी। बाबा जी एक महान संत थे, जिन्हें हनुमान जी का अवतार माना जाता था। इस मंदिर का निर्माण भी हनुमान जी की कृपा से हुआ और यहां आने वाले हर भक्त को शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है। बाबा जी ने अपने जीवनकाल में कई आश्रमों की स्थापना की, लेकिन कैंची धाम विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
नीम करोली बाबा के भक्तों में मुकेश अंबानी, विराट कोहली ,स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग और जूलिया रॉबर्ट्स जैसी हस्तियां भी शामिल हैं, उन्होंने यहां आकर आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया तथा उनका आशीर्वाद लिया ।
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कैंची धाम का धार्मिक महत्व-
मान्यता यह है की कैंची धाम का नाम “कैंची” इसलिए पड़ा क्योंकि यह दो पहाड़ियों के बीच स्थित है और यहां से बहने वाली नदी का आकार कैंची जैसा दिखता है और वहां से गुजरने वाली सड़क एक कैंची के आकार की तरह मुड़ती है। इसी कारण से इस स्थान का नाम “कैंची धाम” पड़ा।
यह स्थान एक आश्रम के रूप में कार्य करता है, जहां भक्त ध्यान, प्रार्थना और सेवा में संलग्न रहते हैं।
यहां आने वाले श्रद्धालु मानते हैं कि बाबा नीम करौली महाराज की कृपा से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह स्थान विशेष रूप से हनुमान भक्तों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि बाबा जी स्वयं हनुमान जी के अनन्य उपासक थे।
कैंची धाम में हर साल लगने वाला भंडारा-
हर वर्ष 15 जून को कैंची धाम में विशाल भंडारा आयोजित किया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
यह भंडारा बाबा नीम करौली महाराज की स्मृति में होता है, जहां सभी को निशुल्क भोजन कराया जाता है। भक्तों का मानना है कि इस दिन यहां आने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कैंची धाम कैसे पहुंचे?
कैंची धाम, नैनीताल जिले में स्थित है और यहां पहुंचने के लिए सभी प्रकार के मार्ग उपलब्ध हैं:
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर (Pantnagar) है, जो लगभग 70 किमी दूर है।
रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम (Kathgodam) है, जो लगभग 37 किमी की दूरी पर स्थित है।
सड़क मार्ग: दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से कैची धाम तक बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।
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कैंची धाम की विशेषताएँ-
1. हनुमान जी का दिव्य मंदिर – यहां मंदिर भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है। यह आश्रम हनुमान जी को समर्पित है, जहां भक्तों को असीम शांति और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होते हैं।
2. बाबा नीम करौली महाराज की समाधि – नीम करोली बाबा की समाधि: बाबा जी ने 1973 में महासमाधि ली थी और उनकी समाधि यहां स्थित है। यह स्थान भक्तों को असीम शांति प्रदान करता है।
3. शुद्ध वातावरण – पहाड़ों की गोद में बसे इस मंदिर का वातावरण अत्यंत पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ है।
4. विदेशी श्रद्धालुओं का आगमन – दुनियाभर से लोग यहां आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने आते हैं।
5 . आस्था का केंद्र: दुनियाभर के श्रद्धालु इस स्थान पर दर्शन करने आते हैं, क्योंकि यह स्थान अपने चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है।
कैंची धाम की यात्रा के लिए टिप्स-
यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर होता है।
मंदिर परिसर में फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है, इसलिए इसका सम्मान करें।
मंदिर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और श्रद्धालुओं की सेवा में भाग लें।
बारिश के मौसम में जाने से बचें क्योंकि रास्ते फिसलन भरे हो सकते हैं।

कैंची धाम में क्या करें?
1. हनुमान जी के दर्शन करें: इस मंदिर में आकर भक्तों को अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है।
2. नीम करोली बाबा की समाधि पर श्रद्धा अर्पित करें: बाबा जी की समाधि पर आकर भक्तगढ़ प्रार्थना करते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
3. ध्यान और योग करें: यह स्थान शांति और ध्यान के लिए आदर्श स्थान है।
कैंची धाम में ठहरने की व्यवस्था-
आश्रम में सीमित संख्या में रुकने की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन नैनीताल और भवाली में कई होटल और गेस्ट हाउस हैं, जहां श्रद्धालु ठहर सकते हैं।
कैंची धाम क्यों प्रसिद्ध है?
विश्व भर के भक्तों के लिए आध्यात्मिक केंद्र।
नीम करोली बाबा के चमत्कारों से जुड़ा स्थान।
प्राकृतिक सुंदरता और शांति का संगम।
Kainchi Dham केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक शक्ति केंद्र है। यह स्थान हर उस व्यक्ति के लिए है जो शांति, ध्यान और आस्था के मार्ग पर चलना सिखाता है। यदि आप उत्तराखंड की यात्रा पर हैं, तो इस पवित्र स्थल का दर्शन अवश्य करें और बाबा नीम करोली के आशीर्वाद को प्राप्त करें।
इस पवित्र धाम के बारे में पूछे जाने वाले सवाल जवाब ?
कैंची धाम कहाँ स्थित है?
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में।
कैंची धाम की स्थापना किसने की?
नीम करोली बाबा ने।
कैंची धाम का प्रमुख मंदिर कौन सा है?
हनुमान जी का मंदिर।
कैंची धाम में हर साल कौन सा उत्सव मनाया जाता है?
15 जून को वार्षिक भंडारा।
