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प्रयागराज में गंगा ,यमुन्ना और सरस्वती नदियों का पवित्र संगम है और हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है। संगम का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं है यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थान भी है , जहां पवित्र नदी में स्नान करने से लोगों को पापों से मुक्ति मिलती है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको 10-15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. यह यात्रा न केवल शारीरिक रूप से कठिन है बल्कि यह प्रकृति के करीब जाने और मानसिक शांति पाने का एक आछा मौका भी है।
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महाकुंभ मेला में अगर आप भी गंगा यमुना और अदृश्य त्रिवेणी के पवित्र संगम में डुबकी लगाने की सोच रहे हैं तो एक लम्बी दुरी तय करने के लिए तैयार हो जाइये क्यूकि इसमें आपको काफी दूर तक पैदल यात्रा भी करनी पड़ेगी । इसके साथ ही मेला क्षेत्र में आने जाने के रूट प्लान की जानकारी भी जरूर कर लें। वरना आपको इधर उधर भटकना पड़ सकता है और बहुत मुसीबत झेलनी पड़ सकती है । इसमें आपको 10 से 15 किलोमीटर तक पैदल चलकर ही संगम स्नान करने जाना पड़ेगा ।
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प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारी चाहे कुछ भी कहें हकीकत तो यही है। 13 जनवरी पौष पूर्णिमा और 14 जनवरी मकर संक्रांति को पहले स्नान पर्व के दौरान हजारों श्रद्धालु सार्वजनिक प्रशासन के तहत रेलवे स्टेशन और विभिन्न पार्किंग स्थलों से कई किलोमीटर दूर यात्रा करके मेले तक पहुंचते हैं और वापस संगम तक पहुंचते हैं। उचित कारण खराब मौसम , घना कोहरा गूगल मैप से 15 किलोमीटर दूर चलने वालों को 10-15 कदम आगे पूरा अंधेरा चुनौती देता दिखाई दिया ।
मेला क्षेत्र में प्रमुख यातायात मार्ग:
प्रयागराज में महाकुंभ समारोह स्थल तक पहुंचने के लिए सात मुख्य मार्ग हैं। सभी प्रमुख वर्गों के लिए अलग-अलग यातायात योजना बनाई जाएगी और बड़े और छोटे वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थान बनाए जाएंगे। तीर्थयात्रियों के वाहनों को पार्किंग स्थल तक ले जाने के लिए विभिन्न मार्ग उपलब्ध हैं। कृपया ध्यान दें कि आगमन और वापसी के मार्ग अलग-अलग हैं ।
लखनऊ प्रतापगढ़ मार्ग:
यदि आप लखनऊ प्रतापगढ़ रोड से मेले में आ रहे हैं तो मलका हरहर जंक्शन फाबामऊ तिराहा से चन्द्रशेखर आजाद ब्रिज होते हुए शांतिपुरम जाएं और फाबामऊ ब्रिज लूप से उतरकर गंगेश्वर पार्किंग के सामने नारायणी आश्रम पहुंचें। गंगेश्वर संगम घाट पहुंचे. लेकिन विशेष परिस्थितियों में आपको अपना वाहन बेला कछार पार्किंग में ही छोड़ना होगा और फिर उसी रास्ते से संगम की ओर जाना होगा। दूरी करीब 15 किमी है.
दूसरा वापसी मार्ग नागासुकी संगम खंड 6 से आईईआरटी तक है। आईईआरटी फ्लाईओवर पार्किंग मजार चौराहा मजिस्ट्रेट कार्यालय लाजपत राय रोड से स्टेनली रोड तेलारगंज चन्द्रशेखर आजाद पाल और फाफामऊ तक हो सकती है। सामान्य परिस्थितियों में आप गंगेश्वर घाट गंगेश्वर पार्किंग नारायण आश्रम रिवर फ्रंट रोड पफामऊ ब्रिज लूप – तोगा ब्रिज या चन्द्रशेखर आजाद ब्रिज पफामऊ टिल्लाहा शांतिपुरम मलक्का हरहर जंक्शन लखनऊ प्रतापगढ़ रोड में प्रवेश कर सकते हैं।
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लखनऊ फैजाबाद फतेह प्रतापगढ़ से ट्रेन से आने वाले श्रद्धालु फाफामऊ स्टेशन पर उतर सकते हैं और वहां से गंगेश्वर पुलिस स्टेशन के माध्यम से रिवर फ्रंट रोड पर जा सकते हैं और फिर नारायणी आश्रम के सामने गंगेश्वर पुलिस स्टेशन की ओर बढ़ सकते हैं और चंद्रशेखर आजाद ब्रिज के नीचे सेक्टर 10 चखर प्लेट रोड पर आगे बढ़ सकते हैं। या फिर आपको इंटरलॉकिंग मार्ग से सेक्टर 9,8,7,6,5होते हुए संगम क्षेत्र तक जाना होगा। दूरी लगभग 12 किमी है।
फ़तेहपुर कौशांबी मार्ग कानपुर:
अगर आप कौशांबी से कानपुर फतेहपुर होते हुए प्रयागराज जा रहे हैं तो आपको अपना वाहन कौशांबी कोखराज मूरतगंज पुरमफाती से मुंडेरा मंडी के सामने जीटी रोड पर सुलाम सराय के सामने नेहरू पार्क सैटेलाइट पार्किंग में पार्क करना होगा। वहां से आपको हिंदू हॉस्टल पार्किंग तक शटल बस लेनी होगी। फिर वहां से आप पैदल ही संगम क्षेत्र तक पहुंच सकते हैं जबकि दिल्ली-कानपुर की ओर से सूबेदारगंज स्टेशन आने वाले तीर्थयात्रियों और यात्रियों को सूबेदारगंज के बाहर बस सेवा मिलेगी जो आपको हिंदू हॉस्टल तक ले जाएगी। किसी मीटिंग में चलें और कुछ और करें। सूबेदारगंज से नेहरू पार्क तक पैदल चलने के बाद आप वहां सैटेलाइट पार्किंग से शटल बस सेवा का भी लाभ उठा सकते हैं।
मिर्जापुर रूट:
मिर्जापुर रूट से आने वाले सभी श्रद्धालुओं को रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी से आगे सरस्वती हाईटेक पार्किंग, मदनुवा पार्किंग ओमेक्स सिटी पार्किंग, टेंट सिटी पार्किंग, देवरथ पार्किंग इनमे से किसी भी एक पार्किंग पर अपनी गाड़ी पार्क कर सकते हैं लेकिन वहां से अरेल संगम घाट तक उनको पैदल यात्रा करनी होगा।
वाराणसी रूट से महाकुम्भ:
वाराणसी रूट से महाकुंभ क्षेत्र मे आने के लिए आगमन मार्ग के लिए राजा तालाब से भदोही हंडिया सैदाबाद हनुमानगंज हसुआ मोड ,कटिहार मोड़ होते हुए आगे कटिहार अंडरपास चमनगंज ,जेकेडीएल मार्ग के रस्ते नागेश्वर शिव मंदिर उस्तापुर पार्किंग तक जा सकते हैं । उधर से पैदल एरावत घाट और फिर संगम जा सकते हैं। वापस लौटने के लिए एरावत संगम घाट से जेकेडीएल मार्ग, रिंग रोड साहसों हसूबा मोड हनुमानगंज सैदाबाद हडिया भदोही राजा तालाब वाराणसी जा सकते हैं।
इन जगहों पर खड़े कर सकेंगे वाहन
1. सूरदास पार्किंग गारापुर रोड
2. चीनी फैक्ट्री पार्किंग
3. बदरा सौनौटी रहीमापुर मार्
वाराणसी से आने वाले वाहन हो सकेंगे इधर पार्क :
1- सरस्वती पार्किंग झूसी रेलवे स्टेशन
2- नागेश्वर मंदिर पार्किंग
3- महुआ बाग थाना झूसी पार्किंग
मिर्जापुर से आने वाले वाहनों का पार्किंग ज़ोन :
1- टेंट सिटी पार्किंग
2- ओमेंक्स सिटी पार्किंग
3- देवरख उपरहार पार्किंग
रीवा-बांदा-चित्रकूट से आ रहे वाहनों की पार्किंग :
1- मीरखपुर कछार पार्किंग
2- एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट पार्किंग
3- वप्रयागम पार्किंग
कानपुर-कौशांबी से आने वाले वाहनों की पार्किंग एरिया:
1- पार्किंग दधिकांदो मैदान पार्किंग
2- काली एक्सटेंशन प्लाट नंबर 17 पार्किंग
3- इलाहाबाद डिग्री कॉलेज मैदान
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