अमृत स्नान का सही  समय और प्रक्रिया

वसंत पंचमी

तीसरा अमृत स्नान आज प्रयागराज महाकुंभ में वसंत पंचमी के पावन अवसर पर जारी है। उत्तर प्रदेश सूचना विभाग ने बताया कि आज सुबह 8 बजे तक 62.25 लाख से अधिक लोगों ने पवित्र स्नान किया था। 2 फरवरी तक 34.97 करोड़ से अधिक लोगों ने पवित्र स्नान किया था।माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में अमृत स्नान करना बहुत फायदेमंद होता है। माना जाता है कि यह कष्टों और जीवन के सभी पापों से छुटकारा दिलाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष बसंत पंचमी की तिथि 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर प्रारंभ होगी और 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी. महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान शुभ समय है। यही कारण है कि महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान ब्रह्म मुहूर्त 5 बजे 23 मिनट से 6 बजे 16 मिनट तक होगा। इस समय पवित्र संगम में स्नान करना शुभ फल देगा। श्रद्धालु इसके बाद भी पवित्र संगम में स्नान कर सकते हैं।

महाकुम्भ का तीसरा अमृत स्नान : 

यात्रा सुबह चार बजे से शुरू हुई थी ।

प्रयागराज महाकुंभ नगर में जोनल प्लान सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से लागू की गई थी । इसमें से एक अखाड़ों के अमृत स्नान के समय में परिवर्तन किया गया था । मकर संक्रांति पर सुबह 5:15 बजे अटल अखाड़ा और महानिर्वाणी शिविर से निकले। इस बार, अखाड़ों की संगम यात्रा शिविर से सुबह चार बजे निकली । 5:40 बजे सुबह स्नान करा । वहीं, वसंत पंचमी के अमृत स्नान को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह दिखा । प्रयागराज श्रद्धालुओं से भर गया था । प्रशासनिक तैयारियां वहीं पूरी की गईं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद प्रयागराज पहुंच की तैयारियों को देखा । 

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हर बारह वर्ष में महाकुंभ प्रयागराज का आयोजन होता है। हिंदू धर्म में प्रयागराज, गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर यह त्योहार मनाया जाता है।

महाकुंभ प्रयागराज में वसंत पंचमी मनाया जाता है, जो एक महत्वपूर्ण दिन है। मां सरस्वती का जन्मदिन भी इस दिन मनाया जाता है, जो माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है।

वसंत पंचमी का महत्व :

प्रयागराज में वसंत पंचमी  एक महत्वपूर्ण दिन है, जो आत्म-शुद्धि और आत्म-विकास का अवसर प्रदान करता है। 

प्रयागराज  पवित्र नदियों में स्नान करके आत्मा को शुद्ध करने और पापों को धोने का प्रतीक है । इसके अलावा, श्रद्धालु मां सरस्वती की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं।

प्रयागराज में वसंत पंचमी का आयोजन : 

वसंत पंचमी पर महाकुंभ प्रयागराज में कई अनुष्ठान किए जाते हैं, जो आत्म-शुद्धि और आत्म-विकास का अवसर प्रदान करते हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

– पवित्र नदियों में स्नान करना

– मां सरस्वती की पूजा करना

– पूजा-अर्चना करना

– दान-पुण्य करना

– व्रत रखना

इन अनुष्ठानों को करने से श्रद्धालुओं को अपने आप को शुद्ध करने और विकसित करने का अवसर मिलता है, जिससे वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

वसंत पंचमी पर महाकुंभ प्रयाग में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

महाकुंभ प्रयागराज में वसंत पंचमी के दौरान श्रद्धालुओं को अपनी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए कई सावधानियां बरतनी चाहिए। इन सावधानियों में से कुछ निम्नलिखित हैं:

– अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखना

– भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचना

– पवित्र नदियों में स्नान करने से पहले अपने स्वास्थ्य की जांच करना

– अनजान लोगों से सावधान रहना

सोमवार को 2025 का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान हुआ । इसके लिए सभी अखाड़े तैयार हो गए थे । अखाड़ों में पालकी और रथ को सजाने का काम शुरू हो गया था। इस स्नान में सभी महामंडलेश्वर शामिल हुए । निर्दिष्ट समय पर ही अखाड़ों का अमृत स्नान सांपन्न हुआ । बसंत पंचमी पर सुबह चार बजे से अखाड़ों का प्रस्थान हुआ ।

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