क्या ईश्वर समय से परे होते हैं? अर्जुन ने श्रीकृष्ण से पूछा!

क्या ईश्वर समय से परे होते हैं? अर्जुन ने श्रीकृष्ण से पूछा!

Bhagavad Gita Chapter 4 Verse 4

अर्जुन उवाच
अपरं भवतो जन्म परं जन्म विवस्वतः ।
कथमेतद्विजानीयां त्वमादौ प्रोक्तवानिति ॥४॥

अर्जुन बोले – आपका जन्म तो अभी हुआ है और सूर्य का जन्म तो बहुत प्राचीन है। अतः मैं यह कैसे समझूँ कि सृष्टि के आरंभ में आपने ही सूर्य को यह योग दिया था?

shrimad Bhagavad Gita Chapter 4 Shloka 4 Meaning in Hindi

क्या ईश्वर समय से परे होते हैं? अर्जुन ने श्रीकृष्ण से पूछा!

अपरं भवतो जन्म परं जन्म विवस्वतः

आपका जन्म कुछ वर्ष पूर्व श्री वसुदेवजी के घर हुआ था, किन्तु सूर्य तो सृष्टि के आरंभ में उत्पन्न हुए थे। अतः आपने सूर्य को कर्मयोग कैसे कहा?

अर्जुन के इस प्रश्न में कोई तर्क या आरोप नहीं, बल्कि जिज्ञासा है। वह भगवान के जन्म के रहस्य को सरलता से समझने के उद्देश्य से यह प्रश्न करता है, क्योंकि भगवान ही एकमात्र ऐसे हैं जो अपने जन्म के रहस्य को प्रकट करने में समर्थ हैं।

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क्या श्रीकृष्ण वास्तव में कल्प के आरंभ में भी उपस्थित थे?

कथमेतद्विजानीयां त्वमादौ प्रोक्तवानिति

मैं आपको सृष्टि के आदि में सूर्य को शिक्षा देने वाले के रूप में कैसे जानूँ? अर्जुन के प्रश्न का तात्पर्य यह है कि जब से आपने सूर्य को शिक्षा दी है, तब से सूर्यवंश (मनु, इक्ष्वाकु आदि) की कई पीढ़ियाँ बीत चुकी हैं और आपका अवतार अब हुआ है, अतः मैं यह भली-भाँति जानना चाहता हूँ कि आपने सृष्टि के आदि में सूर्य को कैसे शिक्षा दी। सूर्य आज भी विद्यमान है, अतः उसे अब भी शिक्षा दी जा सकती है। किन्तु आपने सूर्य को शिक्षा देने के बाद सूर्यवंश की परम्परा का भी वर्णन किया है, जिससे सिद्ध होता है कि आपने सूर्य को अभी शिक्षा नहीं दी। अतः आपने कल्प के आदि में सूर्य को कैसे शिक्षा दी?

अर्जुन के प्रश्न के उत्तर में भगवान सर्वप्रथम अपने सम्पूर्ण अस्तित्व को अपने अवतार का रहस्य प्रकट करने का निर्देश देते हैं।

FAQs

क्या भगवान श्रीकृष्ण ने सूर्य को सृष्टि के आरंभ में ज्ञान दिया था?

हाँ, श्रीकृष्ण ने कहा कि उन्होंने सृष्टि के प्रारंभ में विवस्वान (सूर्य) को कर्मयोग का ज्ञान दिया था, जो बाद में मनु और इक्ष्वाकु तक पहुँचा।

क्या ईश्वर समय के अधीन होते हैं?

नहीं, भगवान का स्वरूप कालातीत होता है। वे जन्म लेते हैं, परंतु उनका जन्म सांसारिक बंधनों से मुक्त और ईश्वरीय उद्देश्य से होता है।

अर्जुन ने श्रीकृष्ण से क्या प्रश्न पूछा था?

अर्जुन ने पूछा कि जब आपका जन्म अभी हुआ है, तो आपने सृष्टि की शुरुआत में सूर्य को ज्ञान कैसे दिया? यह प्रश्न श्रीकृष्ण के दिव्य स्वरूप को समझने की जिज्ञासा थी।

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