Pradosh Vrat 2025 : तिथि मुहूर्त महत्व और पूजा विधि

Pradosh Vrat 2025 : तिथि मुहूर्त महत्व और पूजा विधि

Pradosh Vrat 2025 : तिथि मुहूर्त महत्व और पूजा विधि

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत देवों के देव महादेव और माता पार्वती को समर्पित माना जाता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से पापों का नाश होता है, मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

प्रदोष व्रत 2025 की तिथि और समय

वर्ष 2025 में आश्विन मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 19 सितंबर, शुक्रवार को पड़ेगा।

  • त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 18 सितंबर 2025, रात 11:24 मिनट
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त: 19 सितंबर 2025, रात 11:36 मिनट
  • चूँकि प्रदोष व्रत संध्या बेला में किया जाता है, इसलिए व्रत 19 सितंबर को ही मान्य होगा।

इस बार यह व्रत शुक्र प्रदोष व्रत है, जो विशेष रूप से धन-संपत्ति, वैवाहिक सुख और समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है।

प्रदोष व्रत 2025 का पंचांग

  • सूर्योदय: सुबह 06:08 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 06:21 बजे
  • चंद्रोदय: शाम 04:34 बजे
  • चंद्रास्त: सुबह 04:15 बजे
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:34 से 05:21 तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:17 से 03:06 तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:21 से 06:45 तक
  • निशिता मुहूर्त: रात 11:51 से 12:38 तक

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प्रदोष व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत करने से –

  • पाप नष्ट होते हैं और आत्मा पवित्र होती है।
  • भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से मनुष्य को स्वास्थ्य, धन और सुख की प्राप्ति होती है।
  • शुक्र प्रदोष व्रत करने से आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
  • यह व्रत वैवाहिक जीवन को मधुर बनाता है और संतान सुख की प्राप्ति कराता है।

प्रदोष व्रत 2025 में विशेष योग

इस बार प्रदोष व्रत पर सिद्ध और साध्य संयोग बन रहा है। साथ ही अभिजीत मुहूर्त का भी विशेष महत्व रहेगा। इन शुभ योगों में भगवान शिव की आराधना करने से साधक की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और उसे सुख, सौभाग्य और शांति प्राप्त होती है।

प्रदोष व्रत पूजा विधि [Pradosh Vrat Puja Vidhi]

प्रदोष व्रत रखने वाले भक्त को पूरे दिन व्रत कर संध्या के समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए।

पूजा विधि –

  1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें।
  3. दीपक और धूप जलाएँ, नैवेद्य चढ़ाएँ।
  4. ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करें।
  5. भगवान शिव की आरती करें और परिवार सहित प्रार्थना करें।
  6. व्रत पूर्ण कर दान-पुण्य करें, विशेषकर सफेद वस्तुओं का दान करना शुभ माना गया है।

मान्यता है कि सफेद वस्तुओं का दान करने से कुंडली में शुक्र मजबूत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।

प्रदोष व्रत 2025 का पालन करने से भगवान शिव और माता पार्वती की असीम कृपा प्राप्त होती है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति से व्रत करने वाला साधक पापों से मुक्त होकर जीवन में शांति, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त करता है। इसलिए 19 सितंबर 2025 को प्रदोष व्रत अवश्य करें और महादेव की कृपा से अपने जीवन को मंगलमय बनाएं।
हर हर महादेव!

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियां मान्यताओं पर आधारित हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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