
Papankusha Ekadashi 2025– तिथि शुभ मुहूर्त पूजा विधि महत्व और दान का फल
पापांकुशा एकादशी हिंदू धर्म की एक प्रमुख एकादशी है, जो हर वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से साधक के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे – पापांकुशा एकादशी 2025 कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, दान का महत्व और इसका धार्मिक फल।
पापांकुशा एकादशी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार शाम 07:10 बजे
- एकादशी तिथि समाप्ति: 3 अक्टूबर 2025, शुक्रवार शाम 06:32 बजे
- पारणा (व्रत समापन) मुहूर्त: 4 अक्टूबर 2025, शनिवार सुबह 06:16 से 08:37 बजे तक
इस प्रकार साल 2025 में पापांकुशा एकादशी 3 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
पापांकुशा एकादशी का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस एकादशी व्रत का पालन करने से जीवन के पाप समाप्त होते हैं और साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
- व्रत रखने से जीवन के दुख-दर्द दूर होते हैं और मनुष्य को आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है।
- मान्यता यह भी है कि इस व्रत का फल हजारों यज्ञों और दानों से भी श्रेष्ठ माना जाता है।
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पापांकुशा एकादशी पूजा विधि
पापांकुशा एकादशी का व्रत श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से अत्यधिक पुण्य फल प्राप्त होता है। पूजा विधि इस प्रकार है –
- प्रातःकाल स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें।
- घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई करें।
- भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर को पीले वस्त्र पर स्थापित करें।
- चंदन का तिलक लगाएँ और पीले फूल अर्पित करें।
- घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु की आरती करें।
- व्रत कथा और विष्णु सहस्रनाम या विष्णु मंत्र का पाठ करें।
- फल और मिठाई का भोग लगाएँ।
- व्रत के अंत में गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और फल का दान करें।
दान का महत्व
पापांकुशा एकादशी के दिन दान करना अत्यंत शुभ माना गया है।
- विशेषकर पीले वस्त्र, पीले फल, अन्न और धन का दान करने से जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
- भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है, इसलिए पीले वस्त्र और फल दान करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
- इस दिन जरूरतमंदों को भोजन कराना और गरीबों की मदद करना सर्वश्रेष्ठ दान माना गया है।
पापांकुशा एकादशी मंत्र
इस व्रत पर भगवान विष्णु की आराधना करते समय इस मंत्र का जप करना अत्यंत फलदायी होता है –
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्।
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्।
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्।।
इस मंत्र के जप से मन को शांति और आत्मा को बल मिलता है।
पापांकुशा एकादशी 2025 का व्रत 3 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। यह व्रत पापों के नाशक और मोक्ष प्रदायक माना जाता है। श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत-पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा से जीवन के कष्ट दूर होकर सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।
अगर आप भी अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और समृद्धि चाहते हैं, तो इस एकादशी का व्रत जरूर करें और दान-पुण्य में सहभाग लें।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियां मान्यताओं पर आधारित हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।