
Surya Grahan 2025: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कब लगेगा और भारत पर इसका क्या प्रभाव होगा?
साल 2025 खगोलीय दृष्टि से बेहद खास है क्योंकि इसमें कई महत्वपूर्ण ग्रहण लगने वाले हैं। इनमें से अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को घटित होगा। यह ग्रहण खास इसलिए भी है क्योंकि उसी दिन सर्वपितृ अमावस्या यानी पितृपक्ष का अंतिम दिन भी पड़ रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं इस सूर्य ग्रहण की पूरी जानकारी – तिथि, समय, दृश्यता और धार्मिक महत्व।
सूर्य ग्रहण 2025 की तिथि
इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 (रविवार) को लगने वाला है। यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन अमावस्या और सर्वपितृ अमावस्या का दिन होगा। पितृपक्ष का समापन इसी दिन होता है, इसलिए यह दिन और भी महत्वपूर्ण बन जाता है।
सूर्य ग्रहण का समय
21 सितंबर 2025 को लगने वाला यह ग्रहण देर रात शुरू होगा और लगभग साढ़े चार घंटे तक चलेगा।
- ग्रहण प्रारंभ: रात 11:00 बजे (21 सितंबर)
- ग्रहण समाप्त: सुबह 3:23 बजे (22 सितंबर)
- कुल अवधि: लगभग 4 घंटे 23 मिनट
भारत में सूर्य ग्रहण की दृश्यता
सबसे बड़ा सवाल है – क्या यह सूर्य ग्रहण भारत से दिखाई देगा?
इसका उत्तर है – नहीं।
21 सितंबर का यह आंशिक सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए भारतीय उपमहाद्वीप में इसका कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं होगा।
सूतक काल का महत्व
हिंदू धर्म में ग्रहण के समय सूतक काल माना जाता है, जिसमें पूजा-पाठ और धार्मिक कार्य निषेध होते हैं। लेकिन सूतक केवल उसी जगह प्रभावी होता है, जहां ग्रहण प्रत्यक्ष दिखाई दे।
क्योंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा। इसका अर्थ है कि इस दिन आप पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान और पितरों का तर्पण पूरी श्रद्धा से कर सकते हैं।
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कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण 2025
यह सूर्य ग्रहण भारत में तो नहीं दिखेगा, लेकिन विश्व के कई हिस्सों में इसे देखा जा सकेगा।
यहां यह ग्रहण प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देगा:
- न्यूजीलैंड
- ऑस्ट्रेलिया
- अफ्रीका के दक्षिणी क्षेत्र
- हिंद महासागर
- अटलांटिक महासागर
- दक्षिणी महासागर
- पौलिनेशिया और मेलानेशिया
- नॉरफॉक द्वीप
- ऑकलैंड, क्राइस्टचर्च और वेलिंग्टन (न्यूजीलैंड के प्रमुख शहर)
गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां
हालांकि भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा और सूतक मान्य नहीं होगा, फिर भी परंपरागत मान्यताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए।
- ग्रहण के दौरान घर के भीतर रहना उचित माना जाता है।
- नुकीली वस्तुओं का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
- आराम और सकारात्मक वातावरण में समय बिताना बेहतर है।
सूर्य ग्रहण 2025 और पितृपक्ष
यह सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या के दिन लग रहा है, इसलिए ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन और भी विशेष बन जाता है। पितृपक्ष का समापन इसी दिन होता है, अतः पितरों को तर्पण और श्रद्धांजलि देना अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियां मान्यताओं पर आधारित हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
FAQs
21 सितंबर 2025 का सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा क्या?
नहीं, यह भारत में दिखाई नहीं देगा।
सूर्य ग्रहण का समय क्या रहेगा?
रात 11 बजे से सुबह 3:23 बजे तक (लगभग 4 घंटे 23 मिनट)।
क्या इस सूर्य ग्रहण का सूतक भारत में मान्य होगा?
नहीं, क्योंकि ग्रहण भारत में प्रत्यक्ष नहीं दिखेगा।