
भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2025) भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने का एक अत्यंत शुभ अवसर माना जाता है। यह व्रत मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष तिथि को रखा जाता है, और इस बार इसे लेकर तिथि को लेकर संशय है — क्या व्रत 8 जुलाई को होगा या 9 जुलाई को? यहां जानें सही दिन, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
Bhaum Pradosh Vrat 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
भौम प्रदोष व्रत 2025 में 8 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन प्रदोष तिथि की शुरुआत दोपहर 3:14 बजे से हो रही है, जो 9 जुलाई को शाम 5:27 बजे तक रहेगी। हालांकि प्रदोष व्रत का निर्णय प्रदोष काल के अनुसार किया जाता है, जो सूर्यास्त के समय होता है। इस बार प्रदोष काल 8 जुलाई की शाम को पड़ रहा है और वह दिन मंगलवार है, इसलिए व्रत इसी दिन रखा जाएगा। प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है और यही समय व्रत रखने और पूजन का सबसे उत्तम समय होता है।
भौम प्रदोष व्रत का महत्व
भौम प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक विशेष उपवास है, जो मंगलवार के दिन पड़ता है और इसलिए इसे ‘भौम’ प्रदोष कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने से जीवन में चल रही बाधाएं दूर होती हैं और शिव कृपा से मानसिक और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ माना जाता है जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा से करने पर कर्ज, भय, रोग और विवाद जैसे नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
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भौम प्रदोष व्रत की पूजा विधि
भौम प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। दिनभर उपवास रखें और प्रदोष काल में भगवान शिव का जल, दूध, शहद, बेलपत्र, और भस्म से अभिषेक करें। शिवलिंग पर दीपक जलाएं और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। पूजा के दौरान शिव चालीसा, रुद्राष्टक, और व्रत कथा का पाठ करें। अंत में आरती करके भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें। यदि संभव हो तो ब्राह्मण या ज़रूरतमंद को भोजन व दान अवश्य करें।