Som Pradosh Vrat Katha 2025: पूजा विधि और महत्‍व

सोम प्रदोष व्रत

सोम प्रदोष व्रत हिंदू धर्म के सबसे पवित्र व्रतों में से एक है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी (13वीं तिथि) को मनाया जाता है। जून 2025 का यह अंतिम सोम प्रदोष व्रत है, जिसमें व्रत रखने और कथा सुनने से भक्तों को मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

Som Pradosh Vrat Katha

प्राचीन समय में एक गरीब ब्राह्मण दंपति रहते थे, जो भगवान शिव के परम भक्त थे। एक बार उन्होंने सोम प्रदोष व्रत का संकल्प लिया और पूरे विधि-विधान से पूजा की। व्रत के दौरान उन्होंने शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाया तथा “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप किया। कुछ ही समय में उनकी गरीबी दूर हो गई और उन्हें धन-धान्य व संतान सुख की प्राप्ति हुई। यह कथा सुनाने वाले सभी भक्तों पर भोलेनाथ की असीम कृपा बनी रहती है।

सोम प्रदोष व्रत 2025 पूजा विधि

  1. सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
  2. दिनभर फलाहार या उपवास रखें।
  3. प्रदोष काल (सूर्यास्त से 1.5 घंटे पहले और बाद) में पूजा करें।
  4. शिवलिंग पर चढ़ाएँ:
    गंगाजल
    दूध
    बेलपत्र
    धतूरा
  5. “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  6. दीपदान करें और आरती करें।

इस दिन शिव चालीसा पढ़ने से सभी कष्ट दूर होते हैं। गरीबों को भोजन या दान देने से व्रत का पुण्य बढ़ता है। सोमवार + प्रदोष व्रत का संयोग बेहद शुभ माना जाता है।

यह भी पढ़ें : Yogini ekadashi vrat ki katha in hindi – जानिए इस व्रत की रहस्यमयी पौराणिक कथा और महत्व

Som Pradosh Vrat का शुभ मुहूर्त June 2025

  • तिथि: 23 जून 2025 (सोमवार)
  • प्रदोष काल: शाम 5:30 बजे से 8:00 बजे तक
  • पारण (व्रत तोड़ने का समय): अगले दिन सुबह 6:15 बजे

सोम प्रदोष व्रत के लाभ

  • संकटों से मुक्ति
  • धन-समृद्धि की प्राप्ति
  • संतान सुख
  • रोगों से छुटकारा

सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा पाने का सबसे सरल उपाय है। इस व्रत को विश्वास और श्रद्धा से करने पर हर मनोकामना पूर्ण होती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top