Diwali 2025: दिवाली कब है? धनतेरस से भाई दूज तक पांच दिवसीय दीपोत्सव की पूरी जानकारी

Diwali 2025: दिवाली कब है? धनतेरस से भाई दूज तक पांच दिवसीय दीपोत्सव की पूरी जानकारी

Diwali 2025: दिवाली कब है? धनतेरस से भाई दूज तक पांच दिवसीय दीपोत्सव की पूरी जानकारी

जानिए Diwali 2025 कब है, इस साल धनतेरस से भाई दूज तक पांचों त्योहारों की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व। दीपावली 2025 की तारीख, लक्ष्मी पूजन का समय, गोवर्धन पूजा और भाई दूज के पर्व की पूरी जानकारी।

दिवाली — अंधकार पर प्रकाश की विजय

अंधकार पर प्रकाश की विजय, निराशा पर आशा की जीत और बुराई पर अच्छाई का प्रतीक — यही है दीपावली। हर साल की तरह इस बार भी दिवाली 2025 पूरे भारत में श्रद्धा, उल्लास और प्रेम के साथ मनाई जाएगी। परंतु सबके मन में यह प्रश्न है — “इस बार दिवाली कब है?” क्या 20 अक्टूबर को या 21 अक्टूबर को?

चलिए जानते हैं धनतेरस से लेकर भाई दूज तक के सभी पांच पर्वों की तिथियां, पूजा मुहूर्त और महत्व।

दीपावली का महत्व (Significance of Diwali)

दीपावली, यानी रोशनी का त्योहार — यह सिर्फ एक दिन का नहीं बल्कि पांच दिनों तक चलने वाला भव्य उत्सव है। इन पाँचों दिनों का अपना विशेष अर्थ, परंपरा और अध्यात्मिक महत्व होता है। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि जैसे दीप अंधकार मिटाता है, वैसे ही ज्ञान और भक्ति जीवन से अज्ञान और दुख को दूर करते हैं।

दिवाली के पाँच मुख्य पर्व इस प्रकार हैं:

  1. धनतेरस
  2. नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली)
  3. दीपावली (मुख्य पर्व)
  4. गोवर्धन पूजा
  5. भाई दूज

धनतेरस 2025: आरंभ समृद्धि और स्वास्थ्य का

  • तिथि आरंभ: 18 अक्तूबर 2025, दोपहर 12:18 बजे
  • तिथि समाप्त: 19 अक्तूबर 2025, दोपहर 1:51 बजे
  • शुभ दिन: 18 अक्तूबर 2025, शनिवार

धनतेरस का अर्थ है — धन और आरोग्य की प्राप्ति का दिन। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, जिन्होंने समुद्र मंथन से अमृत कलश निकाला था। लोग इस दिन सोना-चांदी, बर्तन और नई वस्तुएँ खरीदते हैं क्योंकि यह सौभाग्य और शुभता का प्रतीक माना जाता है। संध्या समय घर के द्वार पर दीपक जलाकर मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है।

छोटी दिवाली 2025 (नरक चतुर्दशी): बुराई पर अच्छाई की जीत

  • तिथि: 19 अक्तूबर 2025, रविवार
    धनतेरस के अगले दिन आती है छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान कृष्ण ने असुर नरकासुर का वध किया था, जिससे यह दिन बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक बना।

इस दिन की परंपराएँ:

  • सूर्योदय से पहले तेल स्नान (अभ्यंग स्नान) करना शुभ माना जाता है।
  • यमराज के नाम पर दीपदान किया जाता है ताकि जीवन में नकारात्मकता और अशुभता दूर हो।
  • शाम को चारमुखी दीपक जलाकर घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है।

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दीपावली 2025 (मुख्य पर्व): लक्ष्मी पूजन और आनंद का महोत्सव

  • अमावस्या तिथि आरंभ: 20 अक्तूबर 2025, दोपहर 3:44 बजे
  • अमावस्या तिथि समाप्त: 21 अक्तूबर 2025, शाम 5:54 बजे
  • पूजन दिवस: 20 अक्तूबर 2025, सोमवार
  • लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: शाम 7:08 बजे से रात 8:18 बजे तक

यह दिन वर्ष का सबसे शुभ और पावन दिन माना जाता है। मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर धन, सुख और समृद्धि की प्रार्थना की जाती है। दीपों की जगमगाहट हर घर और हर हृदय को प्रकाशित कर देती है। इस दिन की रात को महानिशा पूजा का भी विशेष महत्व है।

शुभ कार्य:

  • घर की सफाई और सजावट करें।
  • दीपक जलाएं, मिठाइयाँ बाँटें और जरूरतमंदों की सहायता करें।
  • लक्ष्मी पूजन के बाद परिवार संग दीपोत्सव मनाएं।

गोवर्धन पूजा 2025: भगवान कृष्ण की कृपा का दिन

  • तिथि आरंभ: 21 अक्तूबर 2025, शाम 5:54 बजे
  • तिथि समाप्त: 22 अक्तूबर 2025, रात 8:16 बजे
  • पूजन दिवस:22 अक्तूबर 2025, मंगलवार

इस दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति में पूजा की जाती है। भक्त लोग गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाते हैं और अन्नकूट का भोग लगाते हैं। मंदिरों में अन्नकूट प्रसाद और भजन कीर्तन का आयोजन होता है। यह पर्व हमें प्रकृति और ईश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने की प्रेरणा देता है।

भाई दूज 2025: स्नेह, रक्षा और प्रेम का पर्व

  • तिथि: 23 अक्तूबर 2025, गुरुवार
  • तिलक का शुभ मुहूर्त: दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक

भाई दूज भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। कहा जाता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमी (यमुना) के घर गए थे, जहाँ यमी ने तिलक कर उनके दीर्घायु की कामना की थी। तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि बहन अपने भाई को तिलक करती है और उसकी रक्षा और सुख की कामना करती है। भाई, अपनी बहन को उपहार देकर प्रेम और आशीर्वाद का प्रतीक बनता है।

दीपावली का आध्यात्मिक संदेश

दीपावली केवल रोशनी का पर्व नहीं, बल्कि आत्मा के अंधकार को मिटाकर ज्ञान और भक्ति का दीप जलाने का प्रतीक है।
हर दीप हमें यह सिखाता है कि,

“यदि हमारे भीतर का दीप प्रज्वलित है, तो कोई बाहरी अंधकार हमें पराजित नहीं कर सकता।”

दीपावली 2025 का यह पाँच दिवसीय पर्व न केवल भौतिक आनंद देता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति की प्रेरणा भी देता है। आपका जीवन इस दिवाली खुशियों, धन-धान्य और सफलता की रोशनी से भर जाए।
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियां मान्यताओं पर आधारित हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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