Bhagavad Gita Life Lessons

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 24

क्या आत्मा पर मंत्र शस्त्र या शाप का असर होता है?

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 24 अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च |नित्य: सर्वगत: स्थाणुरचलोऽयं सनातन: || 24 || अर्थात भगवान कहते हैं, […]

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Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 22

क्या मृत्यु केवल पुराने वस्त्र बदलने जैसा ही एक परिवर्तन है?

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 22 वासांसि जीर्णानि यथा विहायनवानि गृह्णाति नरोऽपराणि |तथा शरीराणि विहाय जीर्णान्यन्यानि संयाति नवानि देही ||

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Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 21

क्या मृत्यु पर शोक करना उचित है? गीता क्या कहती है?

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 21 वेदाविनाशिनं नित्यं य एनमजमव्ययम् |कथं स पुरुष: पार्थ कं घातयति हन्ति कम् || 21

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Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 19

क्या आत्मा सच में मरती है या मारती है? भगवद गीता श्लोक 2.19 का रहस्य

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 19 य एनं वेत्ति हन्तारं यश्चैनं मन्यते हतम् |उभौ तौ न विजानीतो नायं हन्ति न

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Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 18

क्या आत्मा वास्तव में अविनाशी और नित्य है? श्रीकृष्ण का अर्जुन को उपदेश

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 18 अन्तवन्त इमे देहा नित्यस्योक्ता: शरीरिण: |अनाशिनोऽप्रमेयस्य तस्माद्युध्यस्व भारत || 18 || अर्थात भगवान कहते

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Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 11

क्या ममता और आसक्ति ही हमारे दुखों का मुख्य कारण हैं? गीता से जीवन का रहस्य

Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 11 श्रीभगवानुवाच |अशोच्यानन्वशोचस्त्वं प्रज्ञावादांश्च भाषसे |गतासूनगतासूंश्च नानुशोचन्ति पण्डिता: || 11 || अर्थात प्रभु ने कहा,

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Bhagavad Gita Chapter 1 Shloka 36 37

धर्म Vs ममता: अर्जुन क्यों नहीं करना चाहते थे युद्ध?

Bhagavad Gita Chapter 1 Shloka 36 37 निहत्य धार्तराष्ट्रान्न: का प्रीति: स्याज्जनार्दन |पापमेवाश्रयेदस्मान्हत्वैतानाततायिन: || 36 ||तस्मान्नार्हा वयं हन्तुं धार्तराष्ट्रान्स्वबान्धवान् |स्वजनं

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